Martyr Suresh Kumar Final Rites: मंडी जिले के बग्गी गांव (तुंगल) में शहीद हवलदार सुरेश कुमार का सैन्य सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया। वह लेह-लद्दाख के बर्फीले इलाकों में एक्लेमेटाइजेशन के दौरान हृदय गति रुक जाने से शहीद हो गए थे। वीरवार को जब उनकी पार्थिव देह को पैतृक गांव लाया गया, तो रास्ते में लोगों और स्कूली बच्चों ने ‘सुरेश कुमार अमर रहे’ और ‘भारत माता की जय’ के नारों से वातावरण को गूंजित कर दिया।
सुरेश कुमार की पार्थिव देह जैसे ही घर पहुंची, उनके बच्चों ने पिता को सैल्यूट करते हुए उन्हें अंतिम विदाई दी। इस दौरान तुंगल घाटी के सैकड़ों लोग उनकी अंतिम यात्रा में शामिल हुए। सुरेश कुमार के निधन से पूरे जिले में शोक की लहर है। शहीद को नम आंखों से अंतिम विदाई दी गई।
सुरेश कुमार के परिवार में उनकी पत्नी, मां, 19 वर्षीय बेटी और 17 वर्षीय बेटा हैं। बताया गया कि वह हाल ही में दीवाली से पहले छुट्टी पर घर आए थे।
राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल और मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने भी सुरेश कुमार के निधन पर गहरी संवेदनाएं व्यक्त की। राज्यपाल ने कहा कि शहीद सुरेश कुमार का सर्वोच्च बलिदान राष्ट्र के लिए प्रेरणा स्रोत रहेगा, और मुख्यमंत्री ने शोक संतप्त परिवार के प्रति अपनी संवेदनाएं व्यक्त करते हुए कहा कि राज्य सरकार इस दुख की घड़ी में परिवार के साथ खड़ी है।